मैंने अपने देवर से चुदवा लिया 16
मेरा नाम रितु है. मैं 23 साल की हूँ और दिखने में खूबसूरत और सेक्सी हूँ.
दो साल पहले की बात है, मैं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करती थी. उसी मल्टीनेशनल कम्पनी में राज भी काम करने के लिए आए. मैं उनसे सीनियर थी. राज बहुत ही हैंडसम थे. जब से उन्होंने ऑफिस ज्वाइन किया था, तब से ही मैं मन ही मन उन पर मर मिटी थी. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई थी.
धीरे धीरे राज और मेरी गहरी दोस्ती हो गई और फिर हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई. दो महीने के बाद ही हम दोनों ने शादी कर ली.
राज का एक छोटा भाई भी था, जय. वो राज से 2 साल छोटा था. उसकी उम्र भी मेरी तरह 21 साल की थी. जय एम. ए. फायनल में पढ़ रहा था. राज जय को बहुत ज्यादा चाहते थे. जय, राज से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी. वो बहुत शरारती भी था. हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मजाक करते थे. मुझे उसका हंसी मजाक करना बहुत ही अच्छा लगता था. राज भी हम दोनों को देख कर बहुत खुश रहते थे.
शादी के बाद राज ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी. अब मैं घर पर ही रहने लगी.
राज से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गई थी. सुहागरात के दिन जब मैंने राज का लंड देखा तो मेरे सारे सपने टूट गए. उनका लंड केवल 3″ लम्बा और बहुत ही पतला था. उन्होंने जब पहली पहली बार अपना लंड मेरी चुत में घुसाया तो मेरे मुँह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चुत के अन्दर समा गया. मुझे कुछ पता ही नहीं चला. उन्हें बड़ी मुश्किल से 2 मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गए. मैं उदास रहने लगी.
राज ने शादी में 15 दिनों की छुट्टी ले ली थी. वो घर पर ही रहते थे. फिर 15 दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा- जय की बहुत देर तक सोने की आदत है. उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना.
मैंने कहा- ठीक है.
राज चले गए. उनके जाने के बाद मैं जय को जगाने उसके रूम में गई. मैंने जय को जगाया तो वो उठ गया. मैंने जय से कहा- जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी, तब तुम्हें कौन जगाता था?
वो हंस कर बोला- भैया जगाते थे.
जय फ्रेश होने चला गया और मैं उसके लिए नाश्ता बनाने चली गई. नाश्ता करने के बाद जय कॉलेज चला गया.
राज 9 बजे ऑफिस चले जाते थे और जय 10 बजे कॉलेज चला जाता था. फिर कॉलेज से वो 3 बजे वापस आ जाता था. जब कि राज रात के 7 बजे तक वापस आते थे.
अगले दिन राज के ऑफिस चले जाने के बाद मैं जय को जगाने गई. जैसे ही मैं जय के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं. जय गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था. उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था. उसका लंड 7″ लम्बा और बहुत ही मोटा था. मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड 3″ लम्बा है और छोटे भाई का 7″ लम्बा.. कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है.
मेरी कामुकता बहुत ही ज्यादा बढ़ी हुई थी क्योंकि शादी के बाद राज मेरी प्यास जरा सी भी नहीं बुझा पाए थे इसलिए मैं जय के लंड को ध्यान से देखती रही. मुझे जय का लंड बहुत ही अच्छा लग रहा था. उसके लंड को देख कर मेरे मन में गुदगुदी सी होने लगी. मैंने सोचा काश राज का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मजा आता. मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही.
अचानक मेरे मन में ख्याल आया कि जय को कॉलेज भी भेजना है. मैं सोच में पड़ गई कि उसे कैसे जगाऊं. वो जगाने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा. बहुत देर तक मैं खड़ी खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही.
मैंने मन ही मन सोचा कि काश जय ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मजा तो मिल जाता.
मैं जय के नज़दीक गई और कहा- जय, साढ़े नौ बज रहे हैं.. उठना नहीं है क्या?
वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एकदम नंगा पाया. वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा.
मैंने कहा- तुम ऐसे ही सोते हो क्या? तुम्हें शर्म नहीं आती?
वो बोला- सॉरी भाभी गहरी नींद में सोने की वजह से अकसर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है. आज तुमने भी मेरा लंड देख ही लिया.. अब क्या होगा.
मैंने कहा- होगा क्या..
उसने अपने लंड की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- भाभी, ये मुझे बहुत ही परेशान करता है. अकसर सुबह के समय ये खड़ा हो जाता है.
इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरंत ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा- तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो.
वो बोला- केवल मैं ही अच्छा लग रहा हूँ. क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?
मैंने कहा- वो तो बहुत ही अच्छा है.
वो बोला- पसंद है तुम्हें?
मैंने कहा- हाँ.
वो बोला- फिर ठीक है.. चाहो तो हाथ लगा कर देख लो.
मैंने कहा- कॉलेज नहीं जाना है क्या?
वो बोला- जाना तो है.. पहले तुम इसे हाथ से पकड़ कर देख लो. उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊंगा.
मेरा मन तो जय से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी. मैंने कहा- अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना?
वो बोला- बिल्कुल नहीं.
मैंने कहा- फिर ठीक है!
मैं जय के बगल में बेड पर बैठ गई. जोश के मारे मेरी चुत गीली हो रही थी.
उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने जय का लंड पकड़ लिया. थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही, तो वो बोला- सहलाओ इसे.
मैंने उसके लंड को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया. मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाईट हो गया. थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अब जाओ, नहा लो.
वो बोला- नहीं और सहलाओ.
मैं उसका लंड सहलाने लगी.
वो बोला- चुदवाओगी?
मैंने कहा- नहीं.
उसने पूछा- क्यों? मेरा लंड तुम्हें पसंद नहीं आया?
मैंने कहा- मैंने कहा था ना कि मुझे तुम्हारा लंड पसंद है.
वो बोला- फिर चुदवा लो.
मैंने कहा- मैं तुम्हारी भाभी हूँ.. मैं तुमसे नहीं चुदवाऊंगी.
वो बोला- फिर तो तुम्हें सारी जिन्दगी जावानी का मजा नहीं मिल पाएगा.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोला- भैया का लंड केवल 3″ का ही है. मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मजा नहीं आएगा.
मैंने कहा- तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?
वो बोला- हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एकदम नंगे ही नहाते थे. हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं. तुम मुझसे चुदवा लो. मैं तुम्हें जवानी का पूरा मजा दूँगा.
मैंने कहा- तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?
वो बोला- कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मजा नहीं दे सकते हैं.
मैंने कहा- अच्छा देखा जायेगा. अब तुम जाओ नहा लो. मैं नाश्ता बनाती हूँ.
जय नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गई. नहाने के बाद जय ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया.
उस दिन जब मैं रात में सोने के लिए अपने रूम में गई तो राज जाग रहे थे. मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा- कैसा लगा जय का लंड?
मैंने कहा- क्या मतलब है तुम्हारा?
वो बोले- शादी के पहले मैं ही जय को जगाया करता था. अकसर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखाई देता था. अब तो तुम ही जय को जगाती हो. मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक जय का लंड देख लिया होगा. इसीलिए मैं पूछ रहा हूँ कि जय का लंड तुम्हें पसंद आया या नहीं.
मैंने शर्माते हुए कहा- आज जब मैं जय को जगाने गई थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था. उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है. उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मजा मिलेगा. मेरी किस्मत में तो जवानी का मजा लिखा ही नहीं है.
वो बोले- मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मजा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है. अगर तुम चाहो तो जय से चुदवा कर जवानी का पूरा मजा ले लो. मुझे जरा सा भी एतराज नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा. इस तरह घर कि बात घर में ही रह जाएगी. किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा.
मैंने कहा- तुम नशे में तो नहीं हो?
वो बोले- मैं पूरे होश में हूँ. मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी जिन्दगी जवानी का मजा ना ले पाओ. तुम जय से चुदवा कर जवानी का पूरा उठाओ.
मेरा मन तो पहले से ही जय से चुदवाने को हो रहा था. अब तो मुझे अपने पति से इजाज़त भी मिल गई. मैं बहुत खुश हो गई. मैंने कहा- ठीक है, देखा जायेगा.
वो बोले- देखा नहीं जायेगा, तुम उससे कल ही चुदवा लो. कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मजा लेना.
मैंने कहा- ठीक है.. मैं कल जय से चुदवाने की कोशिश करूँगी.
उसके बाद हम सो गए.
अगले दिन राज के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गई. नहाने के बाद मैंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना. मैंने केवल तौलिया को अपने बदन पर लपेट लिया क्योंकि आज मुझे देवर से चुदाई करवानी थी.
मेरी चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी?
कहानी जारी है.
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