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पड़ोसी की बीवी बनकर उसके बॉस से चुदी Duong

आप सभी को मेरी 34 के दूध और 36 की गांड की तरफ से प्रणाम और नमस्कार है.

मैं बिन्दू देवी, मेरी उम्र 31 साल और रंग गोरा है. मैं 5 फुट 3 इंच की कामुक औरत हूँ. आप सभी ने मेरी पिछली सेक्स कहानियों को प्यार दिया, उसका बहुत बहुत धन्यवाद.

मेरी पिछली कहानी
मेरी सहेली बॉस की रखैल बन गयी
पर पाठकों के सैंकड़ों मेल आये.
मैं माफी चाहती हूँ कि आप सभी की ईमेल का जवाब नहीं दे पाई.

शुभम जी और मेरी चुदाई की कहानी आप लोग पहले भी पढ़ चुके हैं.
आज मैं उनके साथ और उनके बॉस के साथ संभोग की पोर्न ऑफिस बॉस सेक्स कहानी बता रही हूं.

हुआ कुछ यूं कि एक दिन शुभम जी मेरे घर आए और मुझसे बोले- तुमसे मुझे काम है.
मैंने पूछा- जी बताएं, क्या काम है?

उन्होंने कहा- ऐसे तो आपसे काम क्या रहेगा, बस अभी आपको चोदने का मन है.
यह बोल कर वो मेरे ऊपर चढ़ गए और मुझे चूमने लगे.

मैं भी गर्म हो गई और हम दोनों वासना की आग में एक दूसरे को सुख देने लगे.

कुछ ही देर बाद वो मुझे नंगी करके मेरी गांड मार रहे थे.
तभी उन्होंने कहा- यार, तुम मेरी बीवी बन जाओ.

मैं भी मादक सिसकारियां लेती हुई बोली- हम दोनों अभी पति पत्नी वाला काम ही तो कर रहे हैं.
तभी उन्होंने मेरी चूचियों को ऐंठते हुए कहा- नहीं मेरी जान, तुझे मेरे बॉस के सामने बीवी बनना है.

मैं हैरान हो गई कि ये क्या बोल रहे हैं.
मैंने पूछा, तो उन्होंने बताया- मुझे प्रमोशन मिलने वाला है. लेकिन उसको मेरी बीवी यानि तुम्हें चोदना है.

मैं बोली- वो मुझे कैसे जानता है, पहले ये बताओ?
शुभम- यार, एक बार हम दोनों की नंगी तस्वीर को मैं ऑफिस देख रहा था तो पीछे से बॉस ने देख लिया था. मैं उनसे क्या कहता सो मैंने यूं ही बोल दिया कि तुम मेरी बीवी हो.

ऐसा शुभम जी ने बताया और ये बोलते बोलते शुभम जी का लंड मेरी गांड में और तेज चलने लगा.

शुभम- यार प्लीज़ मान जाओ. इसमें तुम्हारा भी फायदा हो जाएगा.
ये सब सुन मेरी भी वासना और भड़कने लगी.

लेकिन मैं नाटक करती हुई बोली- नहीं बाबा, मैं आपसे प्यार करती हूँ. मैं कोई रंडी नहीं कि किसी के सामने भी टांगें खोल दूँ.
तब उन्होंने जोर से लंड का शॉट गांड में मारा और बोले- मेरे प्यार की खातिर इतना भी नहीं कर सकती हो?

ये बोल कर उन्होंने अपना तना हुआ लंड गांड से निकाल लिया.
एक तो अधूरी चुदाई, ऊपर से कोई और भी मुझे अपने नीचे लेटाना चाहता है.
उस वासना की आग में मैं पूरी तरह तड़प उठी.

तब मैं उनका लंड पकड़ कर बोली- ठीक है, लेकिन तुम्हारे लिए ये सिर्फ एक बार होगा.

फिर क्या था … ये सब सुनकर शुभम जी खुशी से झूम उठे और मेरी बुर गांड चूची सब का हाल बेहाल करते हुए मुझे रात भर चोदा.
हमारा प्लान ये बना कि उनकी बीवी 2 दिन बाद मायके जाने वाली थी.

ठीक 2 दिन बाद का उन्होंने प्लान रखा था.

मुझे पहले से मालूम था कि मेरी चुदाई होने वाली है तो मैं तैयारी में लग गई.
अपनी चूत गांड की सफाई करके मैंने उसे एकदम चिकनी चमेली बना लिया.

चुदाई शुभम जी के घर पर ही होने वाली थी.
हमारा पूरा प्लान सुनकर आप लोग बोर हो जाएंगे इसलिए सीधे चुदाई पर आती हूँ.

ठीक दो दिन बाद शाम को 6:00 बजे शुभम जी का बॉस आ गया.
बॉस देखने में ठीक ठाक था. पूरे 6 फीट लंबा था, थोड़ा हेल्थी था.
वो घर पर आया.

मैं शुभम जी के किचन में काम कर रही थी.

वो दोनों हॉल में सोफे पर बैठ बातें कर रहे थे.
मैंने ब्लू रंग की नेट वाली साड़ी और गहरे गले का ब्लाउज पहन रखा था.

शुभम जी ने मुझे आवाज दी- बिन्दू, जरा सर के लिए चाय लाना.
मैं किचन से चाय लेकर निकली.

उनका बॉस मुझे घूरते हुए देखे जा रहा था.
मैं वहीं चाय रख कर उनके साथ बैठ गई.
साला कमीना सच में ठरकी था.

बॉस चाय पीते हुए बोला- अपनी बीवी को सब समझा दिया है न?
शुभम जी बोले- हां हां सर, सब समझा दिया है.

मैं वहां सोफे पर बैठी सिर को नीचे करके सुन रही थी … या यूं कहो शर्माने का नाटक कर रही थी.
बॉस बोला- सुनो बिन्दू, तुम्हारा नाम बहुत प्यारा है. मैं एक बार फिर से तुम दोनों से पूछना चाहता हूँ … खास कर बिन्दू तुमसे, तुम राजी हो न क्योंकि मैं यहां खाना खाने नहीं आया हूँ.

मैं सर नीचे करके बोली- सर, मैं इस बात के लिए सिर्फ अपने पति के लिए राजी हुई हूँ. अगर मेरे पति की नौकरी चली जाएगी तो हमारा घर कैसे चलेगा!
यह सुनकर सर ने कहा- शुभम, तुम्हारी बीवी गजब की माल है. जब से तुम्हारे मोबाइल में मैंने बिन्दू की तस्वीर देखी है, तब से इसके लिए पागल हूँ. चलो खेल की शुरूआत की जाए.
शुभम जी बोले- ठीक है सर.

उन्होंने सारे खिड़की दरवाजे बंद कर दिए.

बॉस मेरे नजदीक आया और मुझे खड़ा कर कमर से पकड़ अपनी बांहों में ले लिया.
मैं अभी भी शर्माने का नाटक कर रही थी.

बॉस- उफ्फ … ये शर्म लज्जा छोड़ दो और अब जिंदगी के मजे लो.
ये कहते हुए बॉस ने मुझे दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे लबों को चूमने लगा.

लेकिन मैं अब भी पति व्रता नारी बनने का नाटक कर रही थी.
उनको मेरी तरफ से कोई साथ न मिलने पर वो बोले- शुभम बोलो, जरा साथ दे … तभी तो मजा आएगा.
शुभम जी बोले- प्लीज जानू, अपने भविष्य का सवाल है.

इतने में बॉस बोला- यार, कुछ विदेशी टाइप करते हैं. चलो सब नंगे हो जाओ क्योंकि बिना नंगे हुए मजा नहीं आने वाला है. वैसे भी मैं बिन्दू को तुम्हारे मोबाइल में एकदम नंगी देखा था.

शुभम जी मेरे पास आकर बोले- सर आप क्यों तकलीफ करते हैं, मैं आपको गिफ्ट खोल कर दिखाता हूँ.

शुभम जी मेरे पीछे आए और चुपके से कान में बोले- चुपचाप नीचे सर करके खड़ी रहना.
उन्होंने धीरे धीरे मेरी साड़ी खोली.

मैं सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में रह गई.
बॉस सोफे पर बैठ कर सिगरेट पीने लगा और मुझे नंगी होते देखने लगा.

शुभम जी ने पीछे से ब्लाउज को खोल कर मेरी चूचियों को आजाद कर दिया.

मैंने बिना ब्रा पैंटी के साड़ी पहनी हुई थी इसलिए मुझे नंगी होने में देर लगनी ही नहीं थी.

शुभम हाथ में मेरी दोनों चूचियों को पकड़ कर बोले- देखिए सर, ये आपके लिए अल्फांजो आम … एकदम रसीले.
मैंने लाज शर्म का नाटक करती हुई दोनों हाथों से अपनी चूचियां ढंक लीं.

इतने में शुभम ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट जमीन पर गिर गया.

अन्दर से तो मैं खुश थी, पर शर्माने का नाटक भी करना था, तो एक हाथ झट से चूत पर रख दिया.

इतने बॉस उठा और अपना पैंट उतारते हुए पूरा नंगा हो गया.
उसका 7 इंच का लंड बिल्कुल काले नाग की तरह फुंफकारते हुए मुझे उत्तेजित कर रहा था.

बॉस मुझे अपनी बांहों में समेटने लगा.
मैं शर्म से नीचे सर किए खड़ी रही. मैं अपना हाथ अपने जिस्म से हटा नहीं रही थी.

तो बॉस ने कहा- ओह बिन्दू … तू पूरी नंगी है. अब किस बात की शर्म. तेरा पति मुझे तेरे जिस्म को बेच चुका है.
इतना कह कर उसने मेरे हाथों को स्तनों पर से हटाए और दोनों चुचियों को दबाने लगा; साथ ही उसने अपना लंबा मोटा लंड मेरे हाथों में पकड़ा दिया.

मैं तो पहले से चुदासी थी, मेरे हाथों से उसका लंड सहलाया जाने लगा.
फिर क्या था … उसको इशारा मिल गया.

उसने मुझे बांहों में भर चूमना चाटना और मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.
मैं वासना के वशीभूत होकर गिरने लगी.

उसने मुझे सोफे पर लिटा दिया और मेरी चूत में उंगली करते हुए मेरी चूचियों को पीने लगा.
शुभम जी वहीं खड़े होकर देख रहे थे.

मैं आंखें बंद कर आनन्द ले रही थी.

इतने में बॉस बोला- शुभम, तू भी नंगा हो जा. अपनी बीवी की चूत देख, कितनी गर्म और गीली है.
उसने मुझ सोफे के नीचे बिठाया और खुद खड़े होकर लंड मेरे मुँह में देने लगा.

मैं भी वासना में चूर थी तो गप से उसका मोटा लंड अपने मुँह में भर कर चूसने लगी.
कभी मैं टोपे को चाटती, कभी पूरे लंड को अन्दर लेकर चूसती.

बॉस बोला- शुभम, तेरी बीवी तो बहुत अच्छा लंड चूसती है.
ये कहते हुए वो मादक सिसकारियां ले रहा था.

इतने में शुभम जी ने भी अपना लंड लेकर मेरे हाथों में पकड़ा दिया.
अब कभी मैं बॉस का लंड चूसती, कभी शुभम जी का.

मेरी चूत की मलाई तो इतने में ही पिघल कर जांघों से होकर बहने लगी थी.

कुछ मिनट की चुसाई के बाद बॉस बोला- अब मुझसे रहा नहीं जा रहा शुभम. मैं तेरी बीवी की चूत चोदने वाला हूँ.
शुभम- हां सर, चोद दीजिए.

वहीं जमीन पर मुझे कुतिया बना कर मेरे पीछे से बॉस ने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर लगा दिया और घिसने लगा.
मैं चूत में लंड लेने को मचल रही थी.

तभी एक झटके में बॉस ने अपना लंड चूत में उतार दिया.
मैं चीखती … उससे पहले शुभम जी अपना लंड मेरे मुँह के अन्दर ठूंस चुके थे.
मुझे मुँह और चूत दोनों में दर्द हो रहा था
मगर मैं चिल्ला न सकी.

दोनों ने दूसरे को ताली दी और दोनों लग गए.

एक पीछे से लंड चूत में डाल लंड को अन्दर बाहर कर रहा था.
दूसरा मुँह में लंड डाल कर मुख चोदन का मजा ले रहा था.
मेरे आगे पीछे से एक साथ चुदाई का असली मजा मैं ले रही थी.

इसी पोजीशन में दस मिनट की चुदाई में मेरी चूत झड़ गई और मैं शुभम जी का लंड मुँह से निकाल कर नीचे झुक गई जिससे मेरी गांड और ऊपर उठ गई.

फिर क्या था … बॉस मेरी अच्छी से पीछे से मेरी चूत मार रहा था.
मैं आहें भर रही थी.
‘आंह आराम से कीजिए …’ बोल रही थी.

बॉस धकापेल करने में लगा हुआ था.

तभी उसने अपना लंड चूत से निकाल लिया.
मैंने राहत की सांस ली क्योंकि वो मुझे बहुत तेज तेज झटके देता हुआ चोद रहा था.

बॉस बोला- शुभम, तेरा लंड खड़ा है, जल्दी से इसको चोद कर यहां से जाओ. अब मुझे तेरी बीवी अकेले में चोदनी है.

शुभम जी मेरे ऊपर आ गए और मेरी चूत में लंड डाल कर मुझे चोदने लगे.
मैं जमीन पर लेटी हुई शुभम जी से चुद रही थी, अपनी कमर को उठा उठा कर उनका साथ दे रही थी.

बॉस अपने आप को कंट्रोल कर हमारी चुदाई देख रहा था.
शुभम जी ने लगभग 15 मिनट तक चोदा और मेरे कान के पास आकर बोले- बॉस को खुश कर देना.

मैं ‘जी …’ बोल कर चुदवाती रही.
शुभम जी बोले- अब मेरा होने वाला है.

बॉस बोला- भोसड़ी के, खबरदार जो अपने लंड की एक बूंद भी इसके शरीर पर गिराई.
शुभम जी उठ कर अपना लंड साइड में जाकर मुठ मारते हुए झड़ने लगे.

मैं भी अब तक 2 बार झड़ कर हांफ रही थी.

बॉस मेरे पास आया और अपना लंड मेरे मुँह के पास रख कर बोला- शुभम, अब कमरे से निकलो.

उसने अपना हाथ मेरी चूत पर रख सहलाते हुए कहा- बहुत रंडिया चोदीं, पर तेरी जैसी कोई नहीं मिली.
उसने अपना लंड मुँह में देकर चुसवाया.

फिर मुझे बिस्तर पर ले जाकर बोला- दोनों टांगों को पूरा खोलो.
मैंने बिस्तर से आधी लटकती हुई दोनों टांगे खोल दीं.

उसने मेरी गांड के छेद में थूक लगाया और लंड डालने लगा.
मैं मना करने लगी- नहीं सर, प्लीज ऐसा मत कीजिए. उधर से मैंने कभी नहीं लिया.
उसने बोला- तो आज कर लो.

मेरी दोनों टांगों को पकड़ पूरा खोल कर अपना लंड गांड में उतार ही दिया.
मैं दर्द से छटपटाई जरूर … पर वो मेरे दर्द की परवाह किए बिना मेरी गांड मारता रहा.

कुछ देर बाद जब दर्द मजे में बदल गया तो मैं भी खुल गई और चिल्ला चिल्ला कर उसे ललकारने लगी- आंह अन्न्ह … चोदो मुझे आह चोद दो मेरी गांड फाड़ दो!

ऐसी बातें सुन कर बॉस भी अपने असली रूप में आ गया और मुझे बेरहमी से चोदने लगा.
बॉस बोला- बिन्दू, सच में तुम बहुत मस्त माल हो … ले साली मेरा लंड अपनी गांड में … आह.

दस मिनट इस पोजिशन में चोदने के बाद नीचे लेट गया और मुझे अपने ऊपर लेकर मेरी चूत में लंड डाल कर चोदने लगा.
मैं भी मजे से सिसकारियां लेती हुई उसके लंड पर कूद रही थी.
वो कभी मेरी चूचियां दबाता, कभी मेरी गांड को थाम अपनी कमर को चलाता.

इसी तरह चोदते हुए उसने मेरी चूत में पानी छोड़ दिया.
कुछ समय इसी तरह पड़े रहने के बाद मैं खुद उसका लंड चूसने लगी.
उसका लंड फिर से खड़ा हो गया.

उसने फिर से मुझे कुतिया बना कर मेरी गांड मारी और अन्दर झड़ कर निकल गया.

चुदाई के बाद बॉस ने मुझे अपना नंबर दिया और कहा कि तुम्हें अगर किसी चीज की जरूरत पड़े, तो बोलना. जब मुझे तुम्हारी जरूरत पड़ेगी, तो मैं खुद कॉल करूंगा.
ये कह कर उन्होंने मुझे एक चैक दे दिया और कहा- लो ये तुम्हारा गिफ्ट.
बॉस के इस प्यार से मैं बहुत खुश थी.

दोस्तो, ये बिल्कुल सच्ची घटना है. आपको पोर्न ऑफिस बॉस सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी.
मुझे मेल कीजिएगा.

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