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Desi Husband wife hardcore sex in each position while smoking full Hindi audio

भाभी देवर की चुदाई कहानी में सभी चूत वालियों और लंड वालों को मेरा लंड उठाकर नमस्कार. दोस्तों में पूरे विश्वास से कहता हूँ कि यह स्टोरी पढ़कर आपके लंड खड़े हो जाएँगे और सभी चूत वालियों की चूत में पानी आ जाएगा, क्योंकि ये स्टोरी मेरी छोटी भाभी देवर की चुदाई कहानी  है, जिसमें मैंने अपनी ही छोटी भाभी की कसी हुई चूत को जमकर चोदा था. अब सबसे पहले में आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ कि में ग्वालियर में रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ और मेरी पूरी फैमिली गाँव में रहती है, मेरी उम्र 24 साल है.

यह बात उन दिनों की है, जब में ग्वालियर में था और मेरे एग्जॉम का टाईम था. फिर जब में गाँव गया तो मेरे परिवार के लोगों ने मुझसे कहा कि अपनी छोटी भाभी को ग्वालियर अपने साथ ले जाओ, क्योंकि वो अभी घर पर थोड़ी परेशान है, शायद भाई से झगड़ा हो गया था. फिर में तुरंत राज़ी हो गया कि यह तो बहुत ही अच्छा है, वो मेरे लिए खाना बना दिया करेगी और मुझे भी एग्जॉम देने में कोई दिक्कत नहीं होगी, तो में ख़ुशी-ख़ुशी अपनी छोटी भाभी को अपने साथ ले आया. में एक ही रूम लेकर रह रहा था, उन दिनों सर्दी काफ़ी ज़्यादा थी और मेरे पास कपड़े भी कम थे, क्योंकि में बिल्कुल अकेला रहता था.

फिर हम शाम तक रूम पर पहुँच गये. भाभी अपने साथ अपने 2 साल के लड़के को भी लाई थी. अब कपड़े कम होने की वजह से मैंने भाभी से कहा कि आप बेड पर सो जाओ, में नीचे सो जाता हूँ, क्योंकि मेरे पास एक ही सिंगल बेड था. फिर भाभी नहीं मानी और वो नीचे ही सो गयी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े भाभी को दे दिए और अपने लिए खाली एक कंबल ही रखा और फिर में बेड पर बैठकर पढाई करने लगा. अब रात के करीब 12 बजे भाभी बहुत गहरी नींद में सो रही थी और बहुत सेक्सी लग रही थी.

अब में आपको बता दूँ कि भाभी बहुत ही सुंदर, गोरी और कसी हुई है, उनका साईज 34-36-34 होगा. अब उनको देखकर एकदम से मेरा दिमाग़ पढ़ाई से हट गया और मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरा दिल भाभी को चोदने के लिए मचल उठा, लेकिन में करता क्या? तो में बेबस मुठ मारकर सो गया, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि मुझे सर्दी काफ़ी लग रही थी, वाकई में जब सर्दी काफ़ी थी, क्योंकि जनवरी का महीना था और ग्वालियर में सर्दी बहुत ज़्यादा पड़ती है. फिर वो रात मैंने जैसे तैसे निकाली.

अगली रात भी भाभी नीचे ही सोई और में बेड पर सोया, लेकिन अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. फिर मैंने अपना कंबल भी भाभी को ओढ़ा दिया और खुद उनके बिस्तर में लेट गया. अब भाभी गहरी नींद में थी. फिर में बिस्तर के अंदर जैसे ही घुसा तो मैंने महसूस किया कि भाभी की साड़ी और पेटीकोट उनकी जांघों तक चढ़े हुए है और उनकी जांघे बिल्कुल नंगी है.

फिर मैंने अपनी एक टांग भाभी की टाँगों पर रख दी और एक हाथ उनकी छाती पर रख दिया, क्या जांघे थी? एकदम चिकनी और काफ़ी गर्म. अब में उनकी टाँगों पर अपनी टाँगें रगड़ने लगा था, अब मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था, जो कि करीब 8 इंच लंबा है. अब मेरा लंड उनकी जांघों से टकरा रहा था और में उनकी जांघों पर अपना हाथ फैर रहा था.

अब भाभी बहुत गहरी नींद में थी. फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रख दिया, वाउ एकदम हॉट गर्म-गर्म क्या चूत थी? मज़ा आ गया, मुझे तो ऐसा लगा जैसे मैंने अपना हाथ किसी गर्म पॉव रोटी पर रख दिया हो, एकदम फूली हुई गर्म-गर्म चूत थी. भाभी ने पेंटी पहन रखी थी और वो एकदम सीधी अपनी टाँगे फैलाकर लेटी थी, जिससे उनकी चूत एकदम फैली हुई थी और अंदर से गर्म-गर्म भाप सी छोड़ रही थी, अब मेरे लंड का बुरा हाल था. फिर मैंने उनकी पेंटी एक साईड में खिसकाकर मेरी एक उंगली धीरे से भाभी की चूत में डाल दी, उफफ्फ क्या रसीली एकदम टाईट चूत थी? अब मेरा दिल तो कर रहा था कि इसी वक़्त अपना लंड भाभी की चूत में डाल दूँ. अब मेरी उंगली ही बड़ी मुश्किल से अंदर ज़ा रही थी.

फिर भी मैंने होशियारी से अपनी उंगली अंदर डाली, ताकि वो जाग ना जाए, शायद उनके पैर फैल होने की वजह से मेरी उंगली चूत में चली गयी थी, वरना वो ऐसे ज़ाने वाली नहीं थी, क्योंकि उनकी चूत बहुत टाईट थी. फिर मैंने सोचा कि जब उंगली इतनी टाईट जा रही है, तो लंड डालूँगा, तो क्या होगा? और यही सोचकर मेरा दिल रोमांच से भर गया.

मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में धीरे-धीरे चलानी शुरू कर दी. अब उनकी चूत थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ने लगी थी, जिससे मेरी उंगली आसानी से भाभी की टाईट चूत में फिसल रही थी और में अपने एक हाथ से अपने लंड को भी हिला रहा था. फिर मैंने अपनी उंगली की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी, क्योंकि अब मुझे जोश आने लगा था. अब स्पीड तेज़ होने की वज़ह से शायद भाभी की नींद खुल गयी थी, लेकिन वो सोने का नाटक करती रही. अब इस सारे खेल से मेरे लंड और भाभी की चूत में काफ़ी पानी आ गया था.

अब भाभी की साँसे तेज-तेज चलने लगी थी और अब भाभी कसमसा रही थी और फिर भाभी ने अपने दोनों पैरों और अच्छी तरह से खोल दिया और अच्छी तरह से फैला दिया, जिससे उनकी चूत काफ़ी हद तक फैल गयी, जिससे मेरी उंगली आसानी से अंदर बाहर हो रही थी. फिर मैंने अपनी एक उंगली और भाभी की चूत में डाली, यानि कि अब में अपनी पूरी दो उंगलियाँ उनकी चूत में चला रहा था और भाभी केवल कसमसा रही थी, लेकिन वो अपनी आँखें नहीं खोल रही थी.

अब में समझ चुका था कि भाभी अब जाग रही है और मज़ा ले रही है, अब उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था. फिर में ऐसे ही अपना लंड हिलाता हुआ और उनकी चूत में उंगली डालता हुआ झड़ गया और सो गया. फिर अगले दिन सुबह भाभी मुझसे बोली कि मुझे घर छोड़ आओ, मुझे घर जाना है. फिर मैंने कहा कि क्यों जाना है? कल ही तो आई हो.

अब वो बोली कि ऐसे ही जाना है. फिर मैंने कहा कि बस अभी रूको, छोड़ आऊंगा अभी मेरे एग्जॉम है. फिर उन्होंने कुछ नहीं कहा. फिर अगली रात में फिर से भाभी के साथ सोया और वही किस्सा दोहराया, लेकिन इस बार भाभी जाग चुकी थी तो वो मुझसे बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो में एकदम जोश में आकर बोला कि हाए भाभी बस एक बार अपनी चूत दे दो. फिर वो बोली कि नहीं यह गलत है. फिर मैंने कहा कि कुछ गलत नहीं है बस एक बार, तो फिर वो मान गयी.

मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड चूसो, तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर बहुत ज़ोर-ज़ोर से चुसकी लगानी शुरू कर दी. अब मेरा लंड तनकर 8 इंच लंबा हो गया था. फिर भाभी मेरा लंड देखकर हैरान हो गयी और बोली कि हाईईईईईईईई इतना बड़ा तो तुम्हारे भैया का भी नहीं है, में इसे कैसे लूँगी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा भाभी आराम से चला जाएगा, तुम तो बस अपने पैर फैलाकर लेट जाओ. फिर उन्होंने ऐसा ही किया और अपने पैर फैलाए और लेट गयी.

फिर मैंने भाभी की पेंटी उतारी, तो हाईईईईई में मर जाऊं, क्या गुलाबी चूत थी मेरी प्यारी भाभी की? एकदम गुलाब की पंखुडियों की तरह उनकी चूत के गुलाबी होंठ थे. फिर जब मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ रखा तो उनकी चूत एकदम से फड़फडा उठी और भाभी ने तेज़ सिसकारी ली, हाईईईईई, सीईई, हाईईईईईईईईईई और उनकी चूत का मुँह बार-बार खुलने और बंद होने लगा. अब उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी चूत मेरे लंड को निमंत्रण दे रही हो और कह रही हो कि आ जाओ मेरे राजा और मुझमें पूरा समा जा. अब उनकी चूत की ऐसी हालत देखकर मेरा लंड भी फड़फडा उठा और झटके खाने लगा था.

फिर पहले मैंने भाभी की चूत पर अपने होंठ रखे और उसे चूसना शुरू कर दिया. अब उनकी चूत भी जैसे मेरे होंठो का किस ले रही थी और बार-बार मेरे होंठो पर कस जाती थी.

फिर मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत में घुसा दी, हाए क्या नमकीन चूत थी? उफफ्फ़ अब में तो जैसे स्वर्ग में था. फिर भाभी ने कसकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और अपनी गांड उछलाने लगी और तेज-तेज साँसे लेने लगी और फिर अचानक से उनका शरीर झटके खाने लगा और वो एकदम से चिल्लाई हाईईईईई में गयी और उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, जिससे उनकी चूत भर गयी. फिर मैंने उनकी चूत का सारा पानी बड़े मज़े से चूसा, अब उनकी चूत काफ़ी चिकनी हो चुकी थी. फिर मैंने कहा कि मेरी प्यारी भाभी अब में तुम्हारी चूत में लंड डालना चाहता हूँ.

फिर वो बोली कि मेरे प्यारे राजा आ जाओ, में भी तुम्हारा यह तगड़ा मोटा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ. मैंने आज तक ऐसा लंड नहीं खाया है, जरा प्यार से चोदना मुझे डर लग रहा है, मेरी चूत बहुत टाईट है. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं भाभी अपनी प्यारी भाभी की प्यारी चूत को प्यार से ही चोदूंगा.

फिर मैंने भाभी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रख दिया. फिर उनकी चूत का स्पर्श पाते ही मेरा लंड फनफ़ना उठा और उनकी चूत भी लंड खाने के लिए लपलपा रही थी. फिर मैंने एक हल्का सा धक्का मारा तो मेरा लंड फिसलकर ऊपर को हो गया, क्योंकि उनकी चूत का मुँह कुछ ज़्यादा ही छोटा था और मेरा लंड मोटा था और यह हाल देखकर भाभी कुछ घबरा गयी और बोली कि देवर जी यह तो अंदर ही नहीं ज़ा रहा है.

मैंने कहा कि क्यों नहीं जाएगा? भाभी अभी डालता हूँ. फिर मैंने अच्छी तरह से अपना लं उनकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा लंड उनकी चूत के अंदर थोड़ा सा चला गया. अब उनकी चूत का मुँह एकदम से खुल गया था और भाभी एकदम से चीखी, हाए में मररररर गइईई और उनके दाँत निकल गये, अब वो सीईईईईइ करने लगी थी. फिर मैंने एक धक्का और लगाया तो इस बार मेरा लंड भाभी की चूत में 5 इंच तक चला गया. अब भाभी की आँखों से आँसू निकल आए थे.

फिर में थोड़ी देर रुककर भाभी को किस करता रहा और फिर जब उनका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो इस बार मेरा पूरा 8 इंच लंबा लंड उनकी कसी हुई चूत में समा गया.

भाभी ज़ोर से चिखी हाईईईईईईई में मररर गइईईईईई, मुझे छोड़ दो, प्लीज अपना लंड बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और धक्के मारने लगा. अब भाभी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी कि मुझे छोड़ दो, में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकालो.

अब मेरा लंड उनकी चूत में बहुत ही टाईट जा रहा था. फिर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, अब भाभी लगी थी, लेकिन में नहीं रुका. अब कुछ देर बाद भाभी को भी मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी और अपनी चूत ऊपर करके चुदवाने लगी थी. अब उस पूरे रूम में फचक-फचक की आवाज़ें आ रही थी.

अब भाभी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी हाए मेरे राजा और ज़ोर से चोदो, आज मेरी चूत को फाड़ दो, हाए आयी आयी, उउफफफफ्फ, सीईईईइईईईई, उम्म्म्मममह, हा हा आआहह और में बुरी तरह से चोद रहा था. फिर भाभी मुझसे बुरी तरह लिपट गयी और बोली कि हाए मेरे राजा में गयी, हाईईईईईई और फिर वो झड़ गयी. अब जब वो झड़ रही थी

उनकी चूत मेरे लंड को ऐसे ज़कड़ रही थी कि बस पूछो मत, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रहा हो. अब भाभी की चूत लप-लप मेरे लंड को चूस रही थी. फिर उनकी चूत थोड़ी ढीली हो गयी और उनकी चूत क्या पूरा शरीर ढीला हो गया था? लेकिन में उनको ताबडतोड़ चोद रहा था.

अब भाभी फिर से जोश में आ गयी और फिर करीब 1 घंटे की चुदाई के बाद भाभी फिर से एक बार मेरे साथ झड़ गयी और मैंने अपना पूरा पानी भाभी की चूत में ही छोड़ दिया. फिर उस रात मैंने भाभी को 4 बार चोदा और फिर हम रोज चुदाई करने लगे और आज तक करते आ रहे है. अब हमें जब भी कोई मौका मिलता है तो में अपनी भाभी देवर की चुदाई कहानी की कसी हुई चूत को जरुर चोदता हूँ ..

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