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Saali Aadhi Gharwali EP 1

मेरा नाम नवनीत है, उम्र 27साल, शादी 2011 में हुई थी, मेरी पत्नी नैना के दो भाई हैं, दोनों बड़े हैं। यह कहानी सबसे बड़े भाई प्रमे की पत्नी अनीता की है, उसकी उम्र 33 साल है, रंग एकदम गोरा है और चेहरे की मासूमियत आलिया भट्ट जैसी है जिससे उसकी उम्र 25-26 ही लगती है। ऐसी प्यारी सूरत है कि किसी का भी मन डोल जाये! sali ki chudai kahani

प्रमे बीकानेर में सरकारी नौकरी में है।

sali ki chudai

आकांक्षा (अनीता का घर का नाम) गृहणी है, उसकी आँखें बड़ी बड़ी हैं, उसके चूचे भी बड़े और कूल्हे बाहर को निकले हुए हैं, कद 5’3″ का होगा, उसे बन संवर कर रहना अच्छा लगता है।

Sali ki chudai

मेरी उस पर नज़र पहले दिन से ही थी, वो भी मुझे जब भी मिलती तो मजाक करती हुई एक आँख दबा देती थी।

‘उम्म्माआ…’ क्या मस्त लगती थी उस समय वो! पूछो मत… मुझे अंदर तक जला देती थी।

वो अक्सर, जब भी हम अकेले होते, तो सेक्स को लेकर मजाक कर लेती थी!

मैं उसे भाभीजी कह कर ही बुलाता था।

एक बार मैं किसी काम से बीकानेर गया हुआ था तो मैंने उसके लिए काफी सुपारी ले ली थी, हमारे सोनी समाज में सुपारी ज़रूरी होती है!

जब मैं पहुँचा तो सुबह के 10 बज रहे थे, मेरे साले साहब अपनी नौकरी पर जा चुके थे, उनका 7 साल का लड़का स्कूल जा चुका था और भाभीजी जी घर पर अकेली थी!

Sali ki chudai

जैसे ही मैं पहुँचा, उन्होंने अभिवादन किया और मेरी उम्मीद से बढ़ कर उन्होंने हाथ भी मिलाया जो पहले कभी नहीं हुआ था।

वो अभी भी नाइट सूट में थी, क्या गजब का माल लग रही थी!

उसके बाद हम अंदर आये उन्होंने चाय बनाई और जैसे ही मेरे सोफे के सामने झुकी, उनके नाईटी का गला बड़ा होने के कारण उनके दूधिया, सफेद सिल्की उरोजों के दर्शन हो गए… आआह्ह्ह्ह मज़ा आ गया!

ब्रा भी नहीं पहनी थी…

उनके बांयें स्तन पर काला तिल बहुत जँच रहा था।

मेरे लिंग ने तम्बू बनाना शुरू कर दिया था!

Sali ki chudai

‘वाह्ह्ह… क्या बात है!’ अचानक मेरे मुँह से निकल गया और आकांक्षा ने भी नोटिस कर लिया था, वो झट से सीधी हो गई, उसके चेहरे पर गुस्से और शर्म की लाली दिख रही थी।

यह देख कर मैं सकपका गया और लिंग का तम्बू ऐसे हो गया जैसे किसी ने गुब्बारे की हवा निकाल दी हो !!

फ़िर मैं हिम्मत करके बोला- भाभी जी, आपकी चाय की महक पहले ही नशा कर देती है।

मेरा तीर निशाने पर लगा और वो मुस्कुरा उठी।वैसे भी तारीफ किसी भी महिला को खुश करने का अचूक हथियार है।

वो खुश होकर बोली- तो लाईये मेरी सुपारी…

मैंने चाय पीते हुए कहा- ढूँढ लो खुद ही!

और दोनों मुस्कुरा दिये !

चाय पीने के बाद मैं बोला- भाभी जी, मेरा नहाने का इंतजाम कर दीजिए!

Sali ki chudai

तो वो बोली- अभी रहने दो जीज्जु जी (वो मुझे हमेशा इसी नाम से बुलाती है) पहले मैं नहा लूँ, नहीं तो पता नहीं क्या गड़बड़ हो जाये!और मुस्कुराती हुई बाथरूम में चली गई!

मैं समझ गया था कि उसने ऐसा क्यों बोला पर यह नहीं समझ पाया कि वो क्या चाहती है!

जब वो नहा रही थी तो मैं भी पहुँच गया बाथरूम के पास, पर कोई छेद नज़र नहीं आया देखने के लिए, मैं निराश मन से वापिस लौट रहा था कि दरवाजा खुला और वो बाहर निकली, साथ ही मेरा भी मुँह खुल रह गया !

वो सिर्फ ब्लाउज पेटिकोट में थी, खुले गीले बाल थे, गरदन से थोड़ा सा ही नीचे तक स्टेप कटिंग रखती है वो !

गहरा गला उसकी काली ब्रा को छुपा नहीं पा रहा था, सफेद रंग पर कली ब्रा और रॉयल ब्ल्यू ब्लाउज कहर ढा रहा था।

पेटिकोट मैरून रंग का था जो नाभि से काफी नीचे बँधा हुआ था।

Sali ki chudai

‘उम्म्म्माआ…’ उसका दूधिया पेट, चिकनी, भरी हुई कमर थी ! पेट थोड़ा सा बढ़ा हुआ था पर ज्यादा नहीं था!

बहुत ही गदराया सा बदन था उसका, बहुत ही आकर्षित लग रहा था!

उसके बालों से पानी टपक कर उसके बदन को भिगो रहा था… साथ ही मैं अंदर तक भीगा महसूस कर रहा था, मेरी तो सारी थकान उतर गई!

सलहज भाभी एकदम बोली- क्या देख रहे हो जीज्जु?

मैं चौंक कर बोला- कुछ नहीं!

और वो पास से अपने बदन की खुशबू बिखेरती निकल गई।

अब मैंने उसका पिछवाड़ा देखा, यह मेरे लिए झटके जैसा था क्योंकि आज तक मैंने उसे इस तरह सपनो में ही देखा था, बाहर को निकले गोल मटोल चूतड़, ऊपर से वो चलते हुए ऐसे मटका रही थी कि बस इसे देखते ही जिंदगी गुजर जाये!

कमर एकदम मखमल सी चमक रही थी जैसे अभी दूध में नहा कर निकली हो। कमर के दोनों तरफ़ माँस बढ़ चुका था पर इतना नहीं कि लटकने लगे!

मेरी नज़र फिसलती हुई नीचे आई, वो थोड़ा सा पेटीकोट को उठा कर चल रही थी तो उसके सुंदर गोरे पैर नज़र आये जैसे किसी मॉडल के हों।

वो पतली ही है पर उसके पैर थोड़े से मोटे और मांसल है जो बहुत सुंदर लग रहे थे।

वो पूरी नैना कुलकर्णी जैसी कामसुंदरी लग रही थी!

उसके पैरों में बिछ जाने को दिल किया!

अब मेरा दिमाग खराब होने लगा था, शैतान जागने लगा था, नीचे वाले भाई साब ने फ़िर तम्बू बनाना शुरू कर दिया था!

वो पीछे मुड़ी और बोली- जीज्जु जी नहाने नहीं जाना है क्या?

मैं थोड़ा झेंप गया और नहाने चला गया!

बाथरूम में जाते ही देखा कि मेरी स्वप्न देवी की नाईटी पड़ी थी, मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और आकांक्षा जान की नाईटी को अपने शरीर से रगड़ने लगा उसकी खुशबू को महसूस करने लगा, मन में ऐसे सोच रहा था जैसे मैं उसके गदराये बदन से खेल रहा हूँ।

फ़िर ‘अपना हाथ जगन्नाथ…’

मैं नहा कर निकला, तब तक उसने साड़ी पहन ली थी, मैरून रंग की साड़ी पर रॉयल ब्लू बॉर्डर गजब लुक दे रहा था!

मैं देखता ही रह गया था!

मैं तौलिया लपेटे बाथरूम के बाहर खड़ा था और वो तैयार होकर निकली थी!

मैं देखते ही बोला- आज किसका कत्ल होने वाला है?

‘आपका…’ एक आँख दबा कर बोली!

मै तो सुनते ही पागल सा हो गया और तौलिया खुल गया, मैं उसके सामने सिर्फ बनियान और अंडरवीयर में था!

फ़िर मेरा खड़ा लन्ड देखते ही उसने थोड़ा गुस्सा दिखा कर मुँह घुमा लिया, मैंने अपना तौलिया लपेटा और कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगा!

फ़िर मैं जैसे ही बाहर निकलने लगा तो देखा कि वो बाथरूम की तरफ़ जा रही है।

मैं भी दबे पाँव पीछे-पीछे चला गया!

मैंने देखा कि वो अपनी नाईटी को देख रही थी।

फ़िर वो मुड़ी और मुझसे बोली- आपने मेरे कपड़ों के साथ छेड़ छाड़ क्यों की जीज्जु?

मैं थोड़ा झेंपते बोला- नहीं, जब मैं मेरे कपड़े टाँगने लगा तो भाभी, आपके कपड़े नीचे गिर गये थे और कुछ नहीं!

तो उसने अपनी बड़ी बड़ी आँखों को नशीली बनाते हुए कहा- कोई बात नहीं जी, मैं समझती हूँ!

मैं मन में बुदबुदाया- साली, तू तो समझती है पर मैं तुझे नहीं समझ पा रहा हूँ, तू सिर्फ मजाक में ऐसा करती है या सच में मेरे लिए चुदासी है!
खैर उसने मेज पर खाना लगाया और मेरे ठीक सामने बैठी!

अब मेरे पैर उसके पैरों से टकरा गये, क्योंकि मैं नंगे पैर था तो उसके नाजुक पैरों को महसूस कर रहा था!

उसके कँटीले शरीर बारे में सोचने से ही मेरे मन में गुदगुदी हुई!

उसने भी अपने पैर हटाये नहीं, बल्कि थोड़ा सा हिला देती बार बार… मैं फ़िर उत्तेजित होने लगा!

वो एक मदहोश कर देने वाली मुस्कान बिखेर रही थी!

यह कहानी आप अन्तर्वासना पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

हमने खाना खाया, तब तक 11:30 हो गये थे, फ़िर वो बोली- जीज्जु, मुझे बच्चों का खाना देने स्कूल जाना है, आप चलोगे?

मैं तो यही मौका चहता था, मैंने झट से हाँ कर दिया और हम उसकी अक्टिवा लेकर चल पड़े!

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